Railway Facts: Junction और Station में अंतर, जानिए क्या होता है जरूरी

भारतीय रेलवे एक विशाल नेटवर्क है, जिसमें हजारों स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों के नाम के पीछे कई विशेषताएँ होती हैं, जैसे “जंक्शन”, “सेंट्रल” और “टर्मिनल”। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ स्टेशनों को “जंक्शन” क्यों नहीं कहा जाता? इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि कुछ रेलवे स्टेशनों को “जंक्शन” क्यों नहीं कहा जाता और इसके पीछे क्या कारण हैं।

कुछ स्टेशनों को जंक्शन क्यों नहीं कहते?

भारतीय रेलवे में “जंक्शन” शब्द का उपयोग उन स्टेशनों के लिए किया जाता है जहाँ से कम से कम तीन अलग-अलग रूट निकलते हैं। इसका मतलब है कि वहाँ से ट्रेनें एक साथ दो या उससे अधिक रास्तों पर जा सकती हैं। लेकिन कुछ स्टेशन ऐसे भी हैं जहाँ केवल एक या दो रूट होते हैं, इसलिए उन्हें जंक्शन नहीं कहा जाता।

जंक्शन और अन्य प्रकार के स्टेशनों का महत्व

रेलवे स्टेशनों को उनके कार्य और संरचना के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। ये श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:

श्रेणीविवरण
जंक्शनजहाँ से 3 या अधिक रूट निकलते हैं
सेंट्रलशहर का सबसे पुराना और व्यस्त स्टेशन
टर्मिनलजहाँ ट्रेन का सफर खत्म होता है
कैंटजहाँ सेना की छावनी होती है

जंक्शन की विशेषताएँ

  1. कम से कम तीन रूट: जंक्शन पर कम से कम तीन अलग-अलग रूट होते हैं।
  2. व्यस्तता: जंक्शन पर यात्रियों की संख्या अधिक होती है क्योंकि यहाँ से कई ट्रेनें गुजरती हैं।
  3. संरचना: जंक्शन पर प्लेटफार्मों की संख्या अधिक होती है ताकि अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सके।

अन्य स्टेशन प्रकार

सेंट्रल स्टेशन

  • परिभाषा: सेंट्रल स्टेशन वह होता है जो शहर का सबसे पुराना और व्यस्त स्टेशन होता है।
  • विशेषताएँ: यहाँ पर कई ट्रेनें आती-जाती हैं और यह शहर के अन्य स्टेशनों से जुड़ा होता है।

टर्मिनल स्टेशन

  • परिभाषा: टर्मिनल या टर्मिनस वह स्टेशन होता है जहाँ ट्रेन का सफर खत्म होता है।
  • विशेषताएँ: यहाँ से आगे कोई ट्रैक नहीं होता, और ट्रेन वापस उसी दिशा में लौटती है।

कैंट स्टेशन

  • परिभाषा: कैंट स्टेशन वह होता है जहाँ सेना की छावनी होती है।
  • विशेषताएँ: इनमें आमतौर पर सुरक्षा व्यवस्था अधिक होती है।

क्यों कुछ स्टेशन जंक्शन नहीं होते?

कुछ कारण हैं जिनकी वजह से कुछ रेलवे स्टेशनों को “जंक्शन” नहीं कहा जाता:

  1. कम रूट्स की उपलब्धता: यदि किसी स्टेशन पर केवल एक या दो रूट होते हैं, तो उसे जंक्शन नहीं कहा जा सकता।
  2. यातायात की कमी: यदि किसी स्टेशन पर यातायात कम होता है, तो उसे जंक्शन का दर्जा नहीं दिया जाएगा।
  3. संरचना की कमी: जंक्शन के लिए आवश्यक सुविधाओं का अभाव भी एक कारण हो सकता है।

उदाहरण

मथुरा जंक्शन

मथुरा जंक्शन भारतीय रेलवे का एक प्रमुख जंक्शन है जहाँ से सात अलग-अलग रूट निकलते हैं। यहाँ पर यात्रियों की संख्या अधिक होती है और यह क्षेत्रीय परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आगरा कैंट

आगरा कैंट एक ऐसा स्टेशन है जो सेना की छावनी के निकट स्थित है लेकिन इसे जंक्शन नहीं कहा जाता क्योंकि यहाँ से केवल दो रूट निकलते हैं।

निष्कर्ष

भारतीय रेलवे में विभिन्न प्रकार के स्टेशन होते हैं, जिनमें “जंक्शन”, “सेंट्रल”, “टर्मिनल” और “कैंट” शामिल हैं। कुछ स्टेशनों को “जंक्शन” नहीं कहा जाता क्योंकि वहाँ केवल एक या दो रूट होते हैं या वहाँ यातायात की कमी होती है। यह वर्गीकरण यात्रियों को सही जानकारी प्रदान करता है और यात्रा को सुविधाजनक बनाता है।

Disclaimer: यह जानकारी वास्तविकता पर आधारित है और इसमें कोई फर्जी जानकारी नहीं दी गई है। भारतीय रेलवे के विभिन्न स्टेशनों के नामकरण के पीछे कारणों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि यात्रियों को सही जानकारी मिल सके।

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